500 रु की मासिक SIP से करोडपती बने | 500 Rs ki masik SIP se karodpati bane.

जब बात 500 रुपये के मासिक SIP की, की जा रही हो तो इसके लिए निवेश की चर्चा अनिवार्य है किसी भी राशि की निवेश के लिए बचत जरुरी है, इस 500 रु की इस अमाउंट को हर महीने बचाने व निवेश करने के लिए आपको करोड़पति या अधिक अमीर होने की आवश्यकता नहीं है. सामान्य तौर पे हम सभी निम्न अथवा एक निम्न मध्यमवर्गी परिवार से आते हैं और मेरा अनुभव कहता है 500 रुपये प्रत्येक माह अगर हम चाहें बचा सकते है.

अच्छी बात यह है की पैसों की जागरूकता लोगों तक तेजी से फैल रही है, यहाँ तक की बच्चों को भी फाइनेंशियल ज्ञान दिया जा रहा हे, चाहे वह Apps के माध्यम से हो, Online या सेमीनार करके ही क्यों ना हो, हालांकि इसके लिए कई विरोध भी हो रहे हैं कि बच्चों को इतनी जल्दी पैसों की बचत क्यों सिखाएं. हकीकत में आप बच्चों को बचत जैसे भारी शब्दों से अवगत कराए अथवा नहीं but उन्हें इस बात की जानकारी होना अति जरुरी हे की आप उनके लिए कितने परिश्रम से कमाते हैं, पैसों की value क्या है.  

बच्चे ही देश का भविष्य है, और जंहा तक फाइनेंशियल प्लानिंग की बात है तो इसे जितनी जल्दी सीखा और समझा जाये उतना बेहतर है फिर वो आप ही क्यों हों. हालाँकि COVID ने काफी कुछ समझा दिया हे.

यहां बात केवल मध्यम वर्गी परिवार की नहीं है अपितु, निम्न वर्ग या गरीब भी चाहे तो 500 रूपये बचा सकते हैं. और बचत के साथ निवेश जरुरी है. यह एक क्रम की तरह है जिसकी हर कड़ी महत्वपूर्ण है, अगर आप बचत कर पायेंगें, तभी निवेश होगा, और जब निवेश होगा तभी रिटर्न मिलेगा, और जब रिटर्न मिलेगा तब आप फाइनेंशियली मजबूत होंगें व पैसों की चिंता से आजादी पायेंगें. यही फाइनेंसियल प्लानिंग हे.

क्या आप जानते हैं – करोड़पति होने के लिए पैसे बचाना जरुरी है, परन्तु पैसे बचाने के लिए करोङपति होना जरुरी नहीं है. आप कभी अवसर मिले तो यह पुस्तक जरुर पढ़ें “The Richest Man in Babylon” दोस्तो इस किताब को George S. Classon जी ने लिखा है और वे एक अमेरिकन लेखक हैं। उन्होंने 1926 में फाइनेंस के उपर बहुत सारे quotes लिखे और उनके quotes का इस्तमाल बैंक में भी होने लगा। उनके कुछ पॉपुलर quotes को जोड़कर एक किताब लिखी गई, जिसे इंग्लिश में “The Richest Man in Babylon” और हिंदी में “बेबीलोन का सबसे अमीर आदमी” नाम से जाना जाता हैं।

SIP का full Form क्या है | हिन्दी में इसका पूर्ण नाम क्या है ?

अंग्रेजी भाषा में SIP का Full Form Systematic Investment Plan है जिसे हिंदी में व्यवस्थित निवेश योजना के रूप में जाना चाहते है.

S Systematic (व्यवस्थित)
I Investment (निवेश)
P Plan (योजना)

500 रुपये से शुरू करें SIP | 500 Rupye se SIP

वैसे तो म्यूचुअल फंड SIP (Systematic Investment Plan) 100 रुपये से भी शुरू किया जा सकता है. परन्तु अपने वित्तीय लक्ष्य को जल्दी प्राप्त करने के लिए कम से कम 500 रुपये से जरूर शुरू करें, बाद में इसे जितना चाहे उतना बढ़ाया जा सकता है.

किसी अच्छे फंड के साथ म्यूचुअल फंड एसआईपी शुरू करें, अच्छे फंड के चुनाव के लिए आप किसी फाइनेंशियल एडवाइजर की मदद ले सकते हैं. सहीं फंड चुनने के लिए जल्दबाजी ना करें, अच्छे रिसर्च और जानकारी के साथ SIP करें.

म्यूचुअल फंड SIP में कितना रिटर्न मिलता है?

म्यूचुअल फंड में आपको जरूरत के आधार पर कई सारे फंड का Option मिल जाता है. रिटर्न इसपे डिपेंड करता है की आप किस कैटेगरी का फंड चुनते हैं. म्यूचुअल फंड में आपको 12%, 20% से लेकर 25% का सालाना रिटर्न मिल जाता है किसी किसी फंड में तो यह और अधिक है लगभग 30, 35 तक.

इससे आप समझ ही गए होंगें की इतना रिटर्न तो बैंक फिक्स डिपोजिट, पोस्ट आफिस बचत योजनाए, इत्यादि में भी नहीं मिलता.

500 रुपये की SIP कब तक 1 करोड़ होगा | 500 Rupye ki SIP se kab tak 1 karod hoga

जैसा की हमने बताया म्यूचुअल फंड आपको बढ़िया रिटर्न दे सकता है, अब जब आप 500 रूपये प्रत्येक महीने SIP करते हैं. और 15 प्रतिशत का भी सालाना रिटर्न जनरेट करते हैं, तो 37 वर्ष के बाद आप 1,00,25,320 करोड़ रुपये का फंड जमा कर लेंगें.

इसी को अगर आप 40 वर्ष के लिए जमा करते हैं, तो 2,40,000 रूपये जमा करने के बाद उसपर 1,54,61,878 का ब्याज प्राप्त करके टोटल 1,57,01,878 रुपये जमा कर लेंगें.

अगर आप ज्यादा उम्र के हैं, और सोचते हैं कि उस जमा का क्या फायदा जिसका मै उपयोग ही नहीं नहीं कर पाउँगा, तो आप अपने बच्चे, पोतियों के लिए तो कर ही सकते है अगर जल्दी और अधिक रिटर्न चाहते हैं, तो समय के साथ अपना निवेश रकम बढ़ाते रहें.

500 रुपये की SIP अगर 20 वर्ष तक करें तो कितना कार्पस बनेगा?

अब अगर आप 500 रुपये महीने की SIP 20 वर्ष तक निवेश करते हैं और सालाना 15 फीसदी का ही रिटर्न जनरेट करते हैं तो 1 लाख बीस हजार के जमा पर, 6,37,977 रुपये का ब्याज प्राप्त करेंगें और आपकी टोटल राशि 7,57,977 रूपये हो जाएगी.

अब आप समझ गए होंगें की समय के अंतराल में पैसे में कितना जमीन आसमान का अंतर है.

इसलिए निवेश जरूर करें और समझदारी से, क्योंकि बाजार के उतार चढाव में उत्तर चढाव में रिटर्न कम ज्यादा हो सकता है इसलिए अच्छे फंड का चुनाव करें .. धन्यवाद

करोडपती बनें

अगर आप अभी भी नहीं जानते की म्यूचुअल फंड क्या है तो इस आर्टिकल को पढ़ें – म्यूचुअल फंड क्या है

अगर आप उप लिखित जानकारी से संतुस्ट हें और निवेश करने का प्लान बना रहे है, तो सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (Systematic Investment Plan-SIP) एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है. अगर आप हर रोज एक छोटा निवेश करके बड़ा फंड (Large Fund With Small Investment)  तैयार करना चाहते है.

यकीनन आप भी करोडपति बन सकते हैं.

वर्तमान में हमारे देश भारत में लगभग ७,९६,००० करोडपति हैं. भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) जिस रफ्तार से विकास की और बढ़ रही है 2026 तक भारत में करोड़पतियों ( Millionaires) की संख्या दोगुनी हो जाएगी.  हम सभी बड़ा बनने का सपना देखते हें. अगर आप एक दिन में सिर्फ रु 17 बचाने की काबिलियत रखते हें तो निश्चत मानिए आप भी करोडपति बन सकते हें, हाँ इसमें संय्यम और समय दोनों लगेगा.

इसके लिए आपको निवेश की आदत बनानी पड़ेगी. इस सपने को पूरा करने के लिए किसी बड़ी पूंजी की भी आवश्यकता नहीं हे. हाँ और यकीन मानिए आपका यह सपना आपके जीवनकाल में ही पूरा होगा सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (Systematic Investment Plan-SIP) इस उद्देश्य की पहली कड़ी है. यकीन मानिए आपका हर दिन का एक छोटा निवेश भी बड़ा फंड तैयार करने की क्षमता रखता हें. सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (Systematic Investment Plan-SIP)  इसी उद्देश्य की पूर्ती का एक अच्छा विकल्प है.

ऐसा देखा गया है कि 20 वर्ष या उससे अधिक का निवेश किसी एक SIP में करने पर कम से कम 15 प्रतिशत सालाना तक का रिटर्न मिल जाता है. कुछ फंड इससे ज्यादा भी देते  है. यह 15-25 प्रतिशत सालाना की दर से भी मिल जाता है. लेकिन हम केवल 15 प्रतिशत सालाना की दर से जोड़कर देख रहे हैं.

40 वर्ष का निवेश

यदि हम 500 रुपये महीने के हिसाब से 40 वर्षों के लिए निवेश करते हैं तो हम SIP में 2,40,000 रुपये डालेंगे. जो हमें रिटर्न मिलेगा वह 1,54,61,878 रुपये होगा और वास्तविक रिटर्न 1,57,01,878 रुपये होगा. यह साफ है कि केवल 500 रुपये महीने यदि कोई व्यक्ति निवेश करता है वो भी लगातार 40 वर्ष तक हर महीने तो उसे 15 प्रतिशत सालाना की दर से जो रिटर्न मिलेगा उससे वह करोड़पति बन जाएगा.

37 वर्ष करोड़पति बन जाएंगे

देखा जाए तो वह 37 वर्ष ही करोड़पति बन जाता है. इतने वर्ष के निवेश करने पर उसे 2,22,000 रुपये के कुल निवेश पर 98,03,320 रुपये का रिटर्न मिलेगा जो कुल 1,00,25,320 रुपये का रिटर्न होगा.

35 वर्ष का निवेश

वहीं यदि हम केवल 500 रुपये महीने के लिए एसआईपी लेते हैं और यह निवेश 35 वर्षों के लिए किया जाता है तब आपका निवेश 2,10,000 रुपये होता है और आपको रिटर्न मिलेगा 72,20,322 रुपये और कुल रिटर्न 74,30,322 रुपये मिलेगा.

30 वर्ष का निवेश

यही निवेश यदि 30 वर्षों के लिए किया जाता है. रिटर्न भी वही. तब आप 1,80,000 का कुल निवेश करते हैं. आपको रिटर्न मिलेगा 33,24,910 रुपये का और कुल रिटर्न होगा 35,04,910 रुपये का.

आप देख सकते हैं कि 30 साल से 40 साल तक के निवेश में जमीन आसमान का फर्क हो रहा है. यानि लंबी अवधि का रिटर्न आपको एक नए पायदान पर पहुंचा देता है. आप कुछ ज्यादा भी निवेश कर सकते हैं और साथ ही आप बेहतर फंड का चयन भी कर सकते हैं.  यह तय आपको करना है कि आप किस पायदान तक का सफर करना चाहते हैं. थोड़ा सब्र और प्लानिंग बेहद जरूरी है. भविष्य ऐसा ही है और आने वाले समय में प्लानिंग करने से आप क्या से क्या कर पाएंगे इसे समझा जा सकता है. यह भी बताना जरूरी है कि कई बार बाजार के उतार-चढ़ाव और रिटर्न का प्रतिशत जरूरत से ज्यादा ऊपर-नीचे हो जाते हैं. इसलिए रिस्क के साथ ही निवेश के फायदे हैं. यह समझ लेना चाहिए.

FAQ | अकसर पूछे जाने वाले प्रश्न

फंड में निवेश करने के लिए सामान्यतः सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान यानी एसआईपी विकल्प को पसंद किया जाता है। माना जाता है कि एसआईपी फंड में निवेश करने का सुरक्षित तरीका है। लेकिन हमेशा यह हो जरूरी नहीं। म्यूचुअल फंड कई तरह के निवेश के विकल्प होते हैं, इसमें अलग-अलग तरह के एसेट क्लास, टैक्स बेनिफिट, रिटर्न और जोखिम में अंतर होते हैं। सिप में एक बार में बड़ा अमाउंट निवेश कर सकते हैं, इसके अलावा सिप के जरिए छोटा अमाउंट भी नियमित अंतराल में निवेश कर सकते हैं। जो निवेशक धीरे-धीरे लंबी अवधि में फंड जनरेट करना चाहते हैं, वे एसआईपी में निवेश करना पसंद करते हैं। लेकिन एसआईपी के जरिए निवेश हर बार सही नहीं होता है। अगर एसआईपी के जरिए निवेश का सोच रहे हैं तो कुछ स्थितियों में इससे बचना चाहिए।
वित्तीय लक्ष्य तक पहुंचने के लिए पहला कदम सिप के जरिए निवेश कर छोटी अवधि में होने वाले बाजार के उतार-चढ़ाव के जोखिम को कम करना है। निवेश लंबी अवधि के लिए होते हैं, ताकि छोटी अवधि में उतार-चढ़ाव को कम किया जा सके। लंबी अवधि के लिए निवेश करना है तो वित्तीय लक्ष्य प्राप्त करने के लिए नुकसान से बचने के लिए फंड को कम रिस्क वाली जगहों पर निवेश करना जरूरी हो जाता है। इस बात का ध्यान रखें कि अगर बाजार में तेजी है तब भी लालच में न आकर फंड को कम रिस्क वाली जगहों में निवेश करना चाहिए।
अगर एक बड़े अमाउंट के साथ निवेश करना है तब हर महीने एसआईपी के ज़रिए निवेश करना, सही तरीका नहीं है। उदाहरण के तौर पर आपके पास 10 लाख रुपये हैं और सिप के जरिए हर महीने 5000 रुपये इक्विटी फंड में निवेश करने की योजना बना रहे हैं, तब ऐसी स्थिति में अपने अमाउंट के एक बड़े हिस्से पर रिटर्न हासिल करने से चूक जाएंगे। इसके बजाय दूसरा तरीका अपनाया जा सकता है, अगर पूरे फंड को व्यवस्थित तरीके से निवेश करने की योजना बनाई जाए, जैसे कि 20 महीने के लिए 50,000 रुपये प्रति माह, तो यह बेहतर तरीका होगा।
जब म्यूचुअल फंड में निवेश करना हो तो म्यूचुअल फंड स्कीम के परफॉर्मेंस को ट्रैक करना अहम है। अगर नुकसान में चल रहे म्यूचुअल फंड में निवेश करना जारी रखा जाए तो नुकसान ही होगा। आगे के नुकसान से बचने और अपने पोर्टफोलियो को अपडेट करने का सबसे अच्छा तरीका है कि नुकसान में चल रहे सिप को तुरंत रोक देना चाहिए। इसलिए समय-समय पर पोर्टफोलियो को अपडेट जरूरी करें। सिप के रिस्क को कम किया जा सकता है, बशर्ते सही फंड चुना हो। सिप की कुछ सीमाएं होती हैं जिसे निवेश के पहले ध्यान में रखना चाहिए। हो सकता है कि कोई सिप लॉन्ग टर्म के लिए फायदेमंद हो लेकिन शॉर्ट टर्म में अच्छा रिटर्न न दें।
एक बात का ध्यान रखें, सिप के जरिए जितनी धनराशि का निवेश किया जाए, जरूरी नहीं कि उस हिसाब से उसकी वैल्यू बनेगी। बल्कि निवेशित धन को समय देना भी जरूरी है। सिप में लंबी अवधि का समय दिया जाए तो रिटर्न की वैल्यू भी उतनी ही बढ़ेगी। छोटी अवधि की सिप से ज्यादा रिटर्न की उम्मीद ठीक नहीं है। इस बात का ध्यान रखें, अगर पॉजिटिव रिटर्न मिलने पर सिप से बार-बार पैसे निकालते हैं तो ये आदत नुकसान करवा सकती है।
कई निवेशक गिरते शेयर बाजार में डर के कारण एसआईपी को बंद कर देते हैं और जब बाजार उठ जाता है तो लालच के कारण निवेश करने का फैसला कर लेते हैं। ये भी जान लें कि बाजार में गिरावट के वक्त सिप से निवेश बंद करने से नुकसान हो सकता है। ऐसा करना निवेशकों की बड़ी गलती साबित हो सकती है। असल में निवेशकों के के इसके विपरीत रणनीति अपनाना चाहिए। जब बाजार में उछाल आए तो उस वक्त कुछ मुनाफा निकाल सकते हैं। अगर बाजार में गिरावट हो तो निवेश कर देना चाहिए। अगर कम एनएवी में ज्यादा यूनिट्स खरीदेंगे तो आने वाले वक्त में उम्मीद से ज्यादा रिटर्न कमा सकते हैं।
सिप में डिविडेंड और ग्रोथ को समझने से पहले ये जानना जरूरी है कि कम्पाउंडिंग कैसे काम करता है। कम्पाउंडिंग ब्याज की ऐसी चेन है जो लगातार बढ़ती जाती है। समान अवधि के साधारण ब्याज के मुकाबले कम्पाउंडिंग की वैल्यू ज्यादा होती है। उदाहरण के तौर पर, अगर एक लाख रुपये का निवेश किया जाए तो 15 प्रतिशत के कम्पाउंडिंग ब्याज की दर से 5 साल में निवेश दोगुना होकर 2 लाख हो जाता है। कम्पाउंड की इस दर को फिक्स कर दिया जाए तो 2 लाख रुपये अगले 5 साल बाद 4 लाख हो जाएंगे, 4 लाख अगले 5 साल बाद 8 लाख रुपये हो जाएंगे। इस तरह 1 लाख रुपये कुल 15 साल में 8 लाख रुपये हो जाएंगे। जब म्यूचुअल फंड की किसी स्किम में निवेश करते हैं तो डिविडेंड और ग्रोथ में से किसी एक को चुनना होता है। डिविडेंड में फंड की कम्पाउंडिंग का नकारात्मक असर पड़ता है। इस विकल्प में समय-समय पर डिविडेंड यानी लाभांश दिया जाता है। अगर ग्रोथ विकल्प का चुनाव करते हैं तब कोई लाभांश नहीं मिलता है। जिसके बाद निवेश पर कम्पाउंडिंग का पूरा फायदा मिलता है। इसमें एक फायदा यह है कि अगर आपने डिविडेंड विकल्प चुन रखा है तो उसे बदल कर ग्रोथ कर सकते हैं। इस तरह निवेश से अच्छे रिटर्न मिल सकते हैं।
एसआईपी में अगर संग्रह बढ़ रहा है, लेकिन इसकी रफ्तार धीमी है, तब इस स्थिति में सिप को रोके नहीं। कुछ निवेशक सोचते हैं कि सिप की रफ्तार धीमी है तो आगे नुकसान हो सकता है और यह बढ़ता जाएगा, लेकिन यह सच नहीं है। जैसे बाजार में उछाल आने पर सिप की संख्या बढ़ाना अच्छा नहीं है, ठीक वैसे ही गिरावट में सिप की संख्या को घटा देना भी ठीक नहीं है। जिन निवेशकों ने लंबी अवधि को ध्यान में रखकर निवेश किया है, उन्हें सिप जारी रखना चाहिए। सिप का पूरा फायदा लेने के लिए गिरावट के दौरान निवेश करना चाहिए। निवेशकों को इस बात को ध्यान में रखना चाहिए कि सिप के जरिये 10 साल तक भी निवेश करते रहने पर जरूरी नहीं कि रिटर्न अच्छा मिले, इसके लिए सही रणनीति बनाना जरूरी है। एसआईपी यानी सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान के जरिए निवेशक अनुशासित होकर नियमित अंतराल में एक तय राशि निवेश कर सकता है। इससे लंबे समय में एक बड़ा फंड तैयार हो जाता है। इससे निवेशक की जेब पर बोझ भी नहीं पड़ता और लंबे समय में काफी अच्छा रिटर्न भी मिलता है। आज हम आपको 15*15*15 रूल के बारे में बताने वाले हैं, जिससे आप आसानी से करोड़पति बन सकते हैं।
एक निवेशक को 15*15*15 का नियम लंबी अवधि में एक करोड़ रुपये का फंड जमा करने में मदद कर सकता है। नियम के अनुसार, अगर किसी 15 फीसदी रिटर्न देने वाली म्यूचुअल फंड स्कीम या स्टॉक में 15 साल के लिए हर महीने 15,000 रुपये का निवेश किया जाता है, तो उससे एक करोड़ का कॉर्पस (Corpus of ₹1 crore) तैयार हो सकता है। यह कंपाउंडिंग (चक्रवृद्धि ब्याज) की ताकत के कारण होगा।
हम सब जानते हैं कि स्टॉक मार्केट काफी उतार-चढ़ाव वाले होते हैं। इसलिए वहां सालाना 15 फीसदी रिटर्न पैदा करना आसान नहीं होता। हालांकि, लंबे समय में 15 फीसदी का सालाना रिटर्न पाया जा सकता है। इतिहास बताता है कि जबरदस्त मंदी के बावजूद शेयर बाजार में लंबी अवधि में हमेशा रिकवरी देखने को मिलती है। एसआईपी पेमेंट्स में चक्रवृद्धि की शक्ति (Power of Compounding) मार्केट में मंदी या बाजार में उतार-चढ़ाव की स्थिति में कुल रिटर्न के औसत को बढ़ाने में मदद करती है। साथ ही यह एकमुश्त निवेश की तुलना में बेहतर रिटर्न भी प्रदान करती है।

डिस्क्लेमर / Disclaimer:  यहां SIP कैलकुलेशन सांकेतिक है. वास्‍तविक रिटर्न अलग हो सकता है. म्‍यूचुअल फंड में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन है. निवेश से पहले सभी दस्‍तावेज सावधानी से पढ़ लें और अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें. कृपया ध्यान दें. इस प्रकार के निवेश बाजार के जोखिमों के तहत काम करते हैं. निवेशक अपना विवेक और जानकार की सलाह पर ही निवेश करें.

Dutt Anand Nayak
Dutt Anand Nayak
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