भारत में Mutual Fund की लोकप्रियता पिछले कुछ समय से बढ़ती हुई नजर आ रही है. म्यूचुअल फंड आज के समय में Share Market की अधिक जानकारी न रखने वालों के लिए एक बेहतरीन Investment विकल्प है. इसी के मद्देनजर mutual Funds के प्रकार Types of Mutual Fund Hindi में जानना अनिवार्य है.
काफी सारे लोग म्यूचुअल फंड में निवेश तो करना चाहते है पर उनको असली दिक्कत तब आती है जब अपने बचत को सही mutual फण्ड में निवेश करने का विचार बनाते है, उनको यह नहीं पता होता है की म्यूचुअल फंड के प्रकार के कौन कौन से है? (What is Types of Mutual Fund in Hindi) म्यूचुअल फंड के प्रकारों की अधिकता होने की वजह से लोगों को यह समझ काफी दिक्कत होती है की कौन से म्यूचुअल फंड में निवेश किया जाए? अथवा कौनसा Mutual Fund सही है.
अतः आज हम इस लेख के माध्यम से आपको Mutual Fund के Types की Hindi में सम्पूर्ण जानकारी देने की कोशिश करेंगे, ताकि आपको म्यूचुअल फंड चुनने में कोई समस्या न आए, वैसे भी म्यूचुअल फंड की बढ़ती हुई लोकप्रियता के अनुसार आपको भी निवेश से जुड़ी सारी जानकारियां जानने का हक है. आपको भी यह पता होना चाहिए की म्यूचुअल फंड कितने प्रकार के होते है?
हमने यहां पर विस्तार से सभी चीजों को समझाने का प्रयास किया हैं. साथ ही Mutual Fund के बारे में संक्षिप्त में जानकारी दी है. आइए फिर म्यूचुअल फंड के प्रकार के बारे में जानते है.
म्यूचुअल फंड क्या है? | What is Mutual Fund?
म्यूचुअल फंड एक ऐसी व्यवस्थित निवेश प्रक्रिया है जिसके अंतर्गत विभिन्न निवेशकों से पैसे लिए जाते है तथा उनसे प्राप्त पैसों को स्टॉक, बोंड, सोना और अन्य सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश किया जाता है.
निवेशकों से पैसे लेने का तथा उसे विभिन्न स्टॉक, बॉन्ड, सोना और अन्य सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश करने का कार्य फंड मैनेजर द्वारा किया जाता है. म्यूचुअल फंड में अक्सर वह निवेशक निवेश करते है जिनको शेयर मार्केट से जुड़ी सम्पूर्ण जानकारियां पता नही होती है या जिनको निवेश करने का अनुभव नहीं होता है. विस्तार में जानकारी के लिए यहाँ देखें “Mutual Fund क्या है ?“
म्यूचुअल फंड के प्रकार | Types of Mutual Fund Hindi
म्यूचुअल फंड को मुख्य रूप से दो प्रमुख भागों में विभाजित किया जाता है जिसमे पहला है Asset Class के आधार पर म्यूचुअल फंड के प्रकार और दूसरा है संरचना (Structure) के आधार पर म्यूचुअल फंड के प्रकार, इन दोनो के अंतर्गत अन्य कई सारे Mutual Fund Types भी है. हमने यहां नीचे सभी Mutual Fund Types के में जानकारी प्रदान की है. आइए सबके विषय में विस्तार से जानते है.
(A) Assets के आधार पर Mutual Fund
इस तरह के म्यूचुअल फंड के अंतर्गत पैसों को एक से अधिक Assets में निवेश किया जाता है. यानी की आपने जो भी पैसा म्यूचुअल फंड में निवेश किया उसे Fund Manager अलग अलग जगहों पर निवेश करेगा अपनी रिसर्च के अनुसार, Assets के आधार पर भी आगे कुछ प्रकार है Mutual Fund के जिनके बारे में हमने जानकारी दी है.
Debt Funds
Liquid Funds
Equity Funds
(1) डेट फंड – Debt Fund
सामान्यतः Debt Fund ऐसे Funds होते है जिनमे निवेश करने पर निवेशकों को एक समय के बाद निश्चित राशि Return के रूप में में प्राप्त होती है.
Debt Funds के अंतर्गत कमर्शियल पेपर, ट्रेजरी बिल, कॉर्पोरेट बांड्स और अन्य कई मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट में पैसे को निवेश किया जाता है. कंपनिया या सरकार पैसा डेट फंड में निवेश के द्वारा जनता/निवेशकों से पैसे उधार लेती हैं तथा बाद में उन पैसों को निश्चित ब्याज दर के साथ वापिस करती है.
Debt Fund के अंतर्गत आने सभी Securities की एक निश्चित ब्याज दर होती है और साथ ही इसकी Maturity भी निश्चित होती है. Debt Fund को Fixed Income Securities भी कहा जाता है क्योंकि इनसे निश्चित आय प्राप्त होती है. Low Risk Return की अवधारणा पर Debt Fund कार्य करती है. डेब्ट फंड को आगे तीन भागों में विभाजित किया गया है.
Gilt Fund
Junk Bond Scheme
Fixed Maturity Plans
ELSS Mutual Fund
Thematic Fund
Hybrid Fund
(a) Gilt Fund
इन फंड के अंतर्गत निवेशकों के पैसे को केवल सरकारी प्रतिभूतियों (Government Securities) में ही निवेश किया जाता है जिसकी वजह से इस तरह के Fund में Risk की मात्रा न के बराबर होती है. Gilt Fund, Short Term और Long Term दोनो तरह के होते है.
(b) Junk Bond Scheme
इस तरह के फंड में पैसा Corporate Bond में निवेश किया जाता है और यहां पर Risk भी अधिक होता है। हालांकि Risk अधिक होने की वजह से Return भी Gild Fund की अपेक्षा अधिक मिलता है.
(c) Fixed Maturity Plans
इनको आप Fixed Deposit यानी की Bank FD की तरह मान सकते हो क्योंकि इनमें जोखिम की संभावना कम होती है. जोखिम कम होने की वजह से Return भी कम मिलता है.
यह Maturity Time के साथ आते है जैसे की 3 साल 5 साल आदि, सर्टिफिकेट ऑफ़ डिपाजिट, कमर्शियल पेपर, कॉर्पोरेट बांड्स आदि में Fixed Maturity Plans के अंतर्गत निवेश किया जाता है.
(2) लिक्विड फंड – Liquid Funds
ऐसे Funds जिनको कम समय में पैसे में बदला जा सकता है यानी की Redeem करवाया जा सकता है उसे Liquid Funds कहा जाता हैं. Redemption के लिए आवेदन करने के 24 घंटे के भीतर पैसे निवेशक के खाते में Transfer कर दिए जाते है. Liquid Funds में कम से कम 3 दिनों के लिए भी निवेश किया जा सकता है.
Liquid Funds के तहत जिन Securities में निवेश किया जाता है उनका Maturity Time 91 दिन तक होता होता है. इन फंड पर निवेश करने पर ज्यादा Return नही मिलता है लेकिन यह अधिक सुरक्षित होते है. Saving Account और Fixed Deposit दोनों ही Liquid Funds के मुख्य विकल्प है.
(3) इक्विटी फंड – Equity Funds
Mutual Funds का यह सबसे प्रचलित और लोकप्रिय प्रकार है क्योंकि Equity Funds में जोखिम बहुत अधिक होता है और निवेशकों को अधिक जोखिम की वजह से अधिक Return भी मिलता है.
Fund Manager द्वारा सारा पैसा मुख्य रूप से Stock Market में ही Invest किया जाता है Equity Funds के तहत, Equity Funds के विभिन्न प्रकारों की आगे व्याख्या की गई है.
(a) Large Cap Fund
इन Funds के अंतर्गत पैसे को बड़ी कंपनियों में लगाया जाता है जिनकी बाजार में साख अच्छी होती है और वर्तमान तथा भविष्य में जिनके Growth की संभावना रहती है. यहां पर हालांकि कम रिटर्न मिलता है लेकिन यह निरंतरता के मामले में बहुत ही अच्छा हैं. अतः जो लोग कम रिस्क के साथ फंड में निवेश करना चाहतें है उनके लिए यह विकल्प अच्छा है.
(b) Mid Cap Fund
ऐसे Funds जिनको कोई कंपनी अपने व्यापार को आगे बढ़ाने के लिए निवेशकों से पैसे के रूप में लेती है उनको Mid Cap Funds कहा जाता है. इनमे निवेश करने से Large Cap Funds की तुलना में अधिक Return मिलता हैं.
(c) Small Cap Fund
Small Cap Fund में निवेश की सुविधा उन कंपनियों द्वारा दी जाती है जिन्होंने हाल फिलहाल में मार्केट में अपनी पहचान बनाई है और जो अपने व्यवसाय को आगे लेकर जाना चाहती हैं. Small Cap Fund में निवेश करने पर अक्सर अधिक Return मिलने की संभावना रहती है क्योंकि यहां पर Risk भी तो अधिक होता है.
(d) Multi Cap Fund
यह सबसे लोकप्रिय श्रेणी है क्योंकि इसके अंतर्गत पैसे को किसी एक फंड में निवेश न करने की बजाए अलग अलग श्रेणी के Fund में Invest किया जाता है.
(e) Flexi Cap Fund
यह अपने फंड का चुनाव खुद करती है तथा 65% हिस्सा इसका इक्विटी और इक्विटी ओरिएंटेड फंड में ही रहता है. अर्थात लार्ज कैप, मिड कैप व स्मॉल कैप फंड में खुद Fund Manager ही निवेश करता हैं.
(4) ईएलएसएस म्यूचुअल फंड – ELSS Mutual Fund
Equity Linked Saving Scheme ही ELSS का फुल फॉर्म है और यह Equity में निवेश करने वाली एक योजना है. यह एक प्रकार की इक्विटी ओरिएंटेड स्कीम है जिसमे 3 साल के लिए पैसे को रखना अनिवार्य है जिसका फायदा यह है की Income Tax के दौरान निवेशकों को 3 लाख रुपए तक की छूट दी जाती है.
(5) थीमैटिक फंड – Thematic Fund
किसी विशेष थीम में पैसा जब निवेश किया जाता है तो उसे Thematic Fund कहते हैं, जैसे की सीमेंट की कंपनी, पेंट की कंपनी आदि.
(6) हाइब्रिड फंड – Hybrid Fund
जैसा की आप नाम से ही समझ सकते हो की जब पैसे को Debt और Equity दोनों में ही निवेश किया जाता है तो Hybrid Fund इसे कहा जाता है.
यह फंड Debt Fund के मुकाबले अधिक Risky होते है लेकिन Equity Fund की तुलना में कम Risky होते हैं. Hybrid Fund के आगे कुछ प्रकारों के बारे में जानकारी दी गई है.
(a) Equity Oriented Hybrid Fund
इसके अंतर्गत 65% पैसा Equity तथा 35% पैसा Debt में लगाया जाता है पर यह जोखिम से भरा होता है.
(b) Debt Oriented Hybrid Fund
इसके अंतर्गत 60% पैसा डेट और इक्विटी में ही Invest किया जाता हैं। यहां Risk और Return दोनों ही कम होते है.
(c) Balanced Hybrid Fund
इन प्लान के तहत अलग अलग प्रकार के Assets में पैसा लगाया जाता है अर्थात Debt और Equity दोनों में जिसकी वजह से Risk कम ज्यादा होता रहता है.
(d) Monthly Income Fund
यहां पर लगभग 90% तक पैसा केवल और केवल Debt में Invest किया जाता है और Return भी High रहता है.
(e) Arbitrage Fund
इसके अंतर्गत किसी एक मार्केट से Stock को खरीदकर है किसी दूसरे Market में ज्यादा कीमत पर बेचा जाता है.
(B) सरंचना के आधार पर म्यूचुअल फंड के प्रकार
सरंचना के आधार पर भी Mutual Fund के कई सारे प्रकार है जिनके बारे में हमने नीचे जानकारी दी है.
(1) Open Ended Scheme
इस स्कीम के तहत कभी भी फंड को खरीद व बेच सकते है और कंपनी के द्वारा निवेशकों को Share जारी किया जा सकता है.
(2) Close Ended Scheme
इस Scheme के अंतर्गत फंड कभी भी खरीदे व बेचे नहीं जा सकते है. जब फंड का Time Period पूरा होता है तो Fund को बेचा जा सकता है.
(3) Index Fund
यहां पर Share Market के Index में Investment किया जाता है जैसे की Nifty, Fifty Bank आदि, इसमें सभी स्टॉक Sensex के ही होते है और नुकसान तथा लाभ की संभावना कम रहती है। जब Index की Value कम होती है तभी निवेश करना चाहिए.
(4) Sector Fund
Sector Fund भी Index Fund की तरह ही काम करते है लेकिन Sector Fund केवल किसी विशेष Sector में अच्छा प्रदर्शन करने वाले Stocks में भी Investment करती है जैसे की Baking और Pharma आदि.
Top 5 Small cap Funds:
AMFI के डेटा के मुताबिक, जनवरी 2023 में स्माल कैप फंड्स में 2,256 करोड़ रुपये का निवेश आया. अगर स्माल कैप फंड्स में टॉप 5 स्कीम्स को देखा जाए, तो इनमें काफी अच्छा वेल्थ क्रिएशन हुआ है. इनमें से निवेशकों को तीन गुना से भी ज्यादा रिटर्न दिया है.
Top 5 Small Cap Funds: म्यूचुअल फंड में निवेशकों को इक्विटी, डेट, हाइब्रिड जैसी अलग-अलग कैटेगरी की स्कीम्स में निवेश का विकल्प मिलता है. निवेशक अपने फाइनेंशियल गोल, जोखिम उठाने की क्षमता को देखते हुए अपने लिए बेहतर स्कीम्स चुन सकते हैं. इक्विटी म्यूचुअल फंड्स कैटेगरी में एक स्कीम स्माल कैप फंड् की है. इनमें लंबी अवधि में निवेशकों को अच्छा खासा रिटर्न मिला है. बीते महीने स्माल कैप स्कीम्स में निवेशकों ने जमकर निवेश किया. एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के डेटा के मुताबिक, जनवरी 2023 में स्माल कैप फंड्स में 2,256 करोड़ रुपये का निवेश आया. अगर स्माल कैप फंड्स में टॉप 5 स्कीम्स को देखा जाए, तो इनमें काफी अच्छा वेल्थ क्रिएशन हुआ है. इनमें निवेशकों को बीते 3 साल में तीन गुना तक रिटर्न मिला है.
Top 5 small cap funds का रिटर्न
1. Quant Small Cap Fund
क्वांट स्माल कैप फंड ने बीते 3 साल में हर साल औसतन 48.79 फीसदी का रिटर्न दिया है. अगर किसी ने इस स्कीम में आज से 3 साल पहले 1 लाख रुपये का निवेश किया होगा, तो उसकी वैल्यू अब करीब 3.29 लाख रुपये हो चुकी है. इस स्कीम में मिनिमम निवेश 5,000 रुपये है. जबकि मिनिमम SIP 1000 रुपये है.
2. Canara Robeco Small Cap Fund
केनरा रोबेको स्माल कैप फंड ने बीते 3 साल में हर साल औसतन 33.07 फीसदी का रिटर्न दिया है. अगर किसी ने इस स्कीम में आज से 3 साल पहले 1 लाख रुपये का निवेश किया होगा, तो उसकी वैल्यू अब करीब 2.36 लाख रुपये हो चुकी है. इस स्कीम में मिनिमम निवेश 5,000 रुपये है. जबकि मिनिमम SIP 1000 रुपये है.
3. Bank of India Small Cap Fund
बैंक ऑफ इंडिया स्माल कैप फंड ने बीते 3 साल में हर साल औसतन 31.87 फीसदी का रिटर्न दिया है. अगर किसी ने इस स्कीम में आज से 3 साल पहले 1 लाख रुपये का निवेश किया होगा, तो उसकी वैल्यू अब करीब 2.29 लाख रुपये हो चुकी है. इस स्कीम में मिनिमम निवेश 5,000 रुपये है. जबकि मिनिमम SIP 1000 रुपये है.
4. Nippon India Small Cap Fund
निप्पान इंडिया स्माल कैप फंड ने बीते 3 साल में हर साल औसतन 31.71 फीसदी का रिटर्न दिया है. अगर किसी ने इस स्कीम में आज से 3 साल पहले 1 लाख रुपये का निवेश किया होगा, तो उसकी वैल्यू अब करीब 2.28 लाख रुपये हो चुकी है. इस स्कीम में मिनिमम निवेश 5,000 रुपये है. जबकि मिनिमम SIP 1000 रुपये है.
5. Tata Small Cap Fund
टाटा स्माल कैप फंड ने बीते 3 साल में हर साल औसतन 30.14 फीसदी का रिटर्न दिया है. अगर किसी ने इस स्कीम में आज से 3 साल पहले 1 लाख रुपये का निवेश किया होगा, तो उसकी वैल्यू अब करीब 2.20 लाख रुपये हो चुकी है. इस स्कीम में मिनिमम निवेश 5,000 रुपये है. जबकि मिनिमम SIP 500 रुपये है.
(सोर्स: वैल्यू रिसर्च, NAV: 16 फरवरी 2023)
क्या हैं स्माल कैप फंड्स?
स्मालकैप फंड्स दरअसल हाई रिस्क इन्वेस्टमेंट ऑप्शन हैं. आमतौर पर स्माल कैप म्यूचुअल फंड्स उन कंपनियों के स्टॉक्स में निवेश करते हैं, जिनका मार्केट कैपिटलाइजेशन 5 हजार करोड़ से कम रहता है. मार्केट रेग्युलेटर सेबी के मुताबिक, स्माल कैप फंड्स में कम से कम 65 फीसदी एसेट अलोकेशन स्माल-कैप स्टॉक्स में करना जरूरी होता है. जहां, तक इन फंड्स पर टैक्स लायबिलिटी की बात है, तो 1 साल से कम समय तक यूनिट रखने पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स और एक साल से ज्यादा समय तक यूनिट रखने पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन लगता है. हालांकि, अगर एक फाइनेंशियल ईयर में कैपिटल गेन एक लाख से कम है, तो इस पर टैक्स लायबिलिटी नहीं बनती है.
Small Cap Fund में निवेश का सही समय?
अजीत गोस्वामी, IDBI AMC के हेड (प्रोडक्ट एंड मार्केटिंग) का कहना है, आमतौर पर स्माल कैप स्कीम्स में वॉलेटिलिटी ज्यादा रहती है, इसके चलते इसमें रिस्क, खासकर जब हम शॉर्ट टर्म की बात करें, भी ज्यादा रहता है. इसलिए इन स्कीम्स में निवेशकों की लंबी अवधि के नजरिए से निवेश की सलाह दी जाती है. बीते 5 साल में स्माल कैप्स अंडरपरफॉर्मर रहे और एक साल में वैल्युएशन गैप काफी बढ़ा है. ऐसे में यह कैटेगरी लंबी अवधि में आउटपरफॉर्मेंस जेनरेट करने के लिए तैयार है. स्मॉल कैप फंडों के लिए जोखिम का निर्धारण आपके निवेश लक्ष्यों, जोखिम लेने की क्षमता और फाइनेंशियल स्थिति पर निर्भर करता है. स्मॉल कैप फंड को कितना आवंटित करना है, यह तय करते समय इनफैक्टर्स पर विचार करना चाहिए.
अजीत गोस्वामी कहते हैं, यह ध्यान रखना जरूरी है कि लार्ज कैप फंड्स की तुलना में स्मॉल कैप फंड्स में निवेश करने में ज्यादा रिस्क होता है, और पिछली परफॉर्मेंस भविष्य के रिजल्ट की गारंटी नहीं है. अगर आप अनिश्चित हैं कि स्मॉल कैप फंडों को कितना एक्सपोजर आवंटित करना है, तो फाइनेंशियल एडवाइजर की सलाह ले सकते हैं.
डिस्क्लेमर | Disclaimer: म्यूचुअल फंड में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन है. यहां एक कैलकुलेशन दिया गया है और यह निवेश की सलाह नहीं है. निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें.
म्यूचुअल फंड के प्रकार | Mutual Fund Types in Hindi | – FAQs
म्यूचुअल फंड के प्रकार | Types Of Mutual Funds Hindi– सारांश
म्यूचुअल फंड कितने प्रकार होते हैं यदि आप भी यही जानने के लिए इस लेख पर आए होंगे तो आपको Types of Mutual Fund (Hindi) के बारे में समस्त जानकारी हासिल हो गई होगी
क्योंकि हमने इस लेख में Mutual Fund Types के बारे में ही बताया हैं. साथ ही सभी छोटे मोटे प्रश्नों को आसान शब्दों में समझाने का प्रयास किया है. हमारी आपसे यही उम्मीद है की यह आर्टिकल आपको यदि पसंद आया होगा तो इस लेख को Share जरूर कीजिएगा, अगर कोई सवाल मन में रह जाए तो Comment Box आपके लिए हमेशा खुला रहेगा.